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#boycottdigitalattendance लिखकर विरोध दिखा रहे उत्तर प्रदेश के अध्यापक

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी अध्यापकों के लिए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया, जिससे सभी अध्यापकों ने सोशल मीडिया एप्लीकेशन X पर #boycottdigitalattendance लिखकर अपना विरोध दिखा रहे हैं।

#boycottdigitalattendance लिखकर कर रहे है विरोध

इस ऑनलाइन विरोध में लाखों लोगों ने X पर अपना प्रोटेस्ट कर रहे हैं जिससे शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी तनाव में आ गए हैं। लोगों ने पानी से भरे हुए स्कूल की फोटो और कीचड़ से भरे हुए कच्चे रास्ते तो स्कूल को जाते है की फोटो सोशल मीडिया X पर #boycottdigitalattendance अपलोड कर रहे हैं।

ऑनलाइन उपस्थिति के नए नियम

सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर अध्यापकों की मुख्य समस्या हैं की उन्हें ऑनलाइन उपस्थिति कक्षा शुरू होने के 15 मिनट पहले दर्ज करवानी है। अध्यापक क्लेम कर रहे है कि नई नियम के अनुसार अगर 8 बजे से क्लास लेनी है तो विद्यालय में 0730 बजे पहुंचना पड़ेगा और 0745 से 0800 बजे तक अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करवानी होगी।

पिछड़े और दुर्गम इलाकों में इंटरनेट की समस्या

अध्यापकों का कहना है कि बहुत सारी रिमोट लोकेशन में इंटरनेट उतना अच्छा नहीं होता है कि ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करवाई जा सके। बरसात के मौसम में बहुत सारे रास्तों में पानी बाहर जाता है यहां तक की विद्यालय परिसर में भी पानी भर जाता है। शिक्षकों को डर है कि अगर वह विद्यालय विलंब से पहुंचेंगे तो उनका वेतन काट लिया जाएगा क्योंकि ऑनलाइन उपस्थिति में लोकेशन भी दर्ज की जाती है।

उपस्थिति दर्ज करने में 30 मिनट की छूट

इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अध्यापक अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को 30 मिनट की देरी तक दर्ज कर सकते है और इसके लिए उन्हें कोई एक वैध कारण देना होगा। लेकिन शिक्षकों की इससे भी अधिक समस्याएं हैं।

जिम्मेदारियों का बढ़ता बोझ

अध्यापकों का कहना है कि उनकी आवाज को कोई नहीं सुनता है, वे लोग असहाय हो गए है। रोज नए नियम बनकर बहुत सारी जिम्मेदारियां दे दी जाती है, जिससे उन पर काम का बोझ बहुत अधिक बढ़ जाता है। सोशल मीडिया के X के जरिए #boycottdigitalattendance से उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन चालू किया है जो पूरे भारत में फैल गया है।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश के अध्यापकों को उम्मीद है कि शिक्षा विभाग इस पर कुछ निर्णय लेगा और अध्यापकों के कामों की सूची में कटौती करेगा जिससे शिक्षक अपना पूरा फोकस अध्यापन कार्य में लगाएंगे।

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